पड़ोस में रहने वाले लोग हमेशा साथ https://betnanews24.com/national/%E0%A6%AA%E0%A6%B0%E0%A6%AC%E0%A6%B0%E0%A7%8D%E0%A6%A4%E0%A7%80-%E0%A6%AA%E0%A7%8D%E0%A6%B0%E0%A6%9C%E0%A6%A8%E0%A7%8D%E0%A6%AE%E0%A7%87%E0%A6%B0-%E0%A6%9C%E0%A6%A8%E0%A7%8D%E0%A6%AF-%E0%A6%B8%E0%A6%AE%E0%A7%83%E0%A6%A6%E0%A7%8D%E0%A6%A7-%E0%A6%93-%E0%A6%9F%E0%A7%87%E0%A6%95%E0%A6%B8%E0%A6%87-%E0%A6%AA%E0%A7%83%E0%A6%A5%E0%A6%BF%E0%A6%AC%E0%A7%80-%E0%A6%B0%E0%A7%87%E0%A6%96%E0%A7%87-%E0%A6%AF%E0%A7%87%E0%A6%A4%E0%A7%87-%E0%A6%B9%E0%A6%AC%E0%A7%87-:-%E0%A6%A1.-%E0%A6%87%E0%A6%89%E0%A6%A8%E0%A7%81%E0%A6%B8 रहना चाहिए , लेकिन अब रंगभेद की वजह से पड़ोसी एक-दूसरे से नफरत करते हैं ।
यह स्थिति दिन बिन और भी बिगड़ रही है। हर कोई अपनी परेशानी को उजागर कर रहा है, परन्तु किसी ने भी इसका समाधान ।
यह स्थिति बहुत ही बुरी है और हमें इसकी सचेत करनी चाहिए। हम सभी को एकजुट होना चाहिए ताकि यह समस्या दूर हो सके।
दोनों तरफ़ से खलनायक बन गए हैं पड़ोसी
एक समय था जब पड़ोसी की दुकान पर चाय पीने का मज़ा आता था। शुरूआती नफरत भरा देख-रेख भी करते थे।
किसी का कोई काम सुनाई देता तो मदद मिल जाती, आजकल तो बहुत से लोग अपने पड़ोसियों के लिए जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं। यह हालत होती जा रही है संगरोध में ।
अपनी-अपनी जगहों पर रहकर भी, आज पड़ोसी एक दूसरे से नफरत फैला रहे हैं। इसकी वजह तो यह है कि हर कोई खुद की ही परवाह करता है।
उनके बच्चों को भी अब यह पसंद नहीं आता है कि कैसे दोस्ती और भाईचारा होना चाहिए।
नौकरीहीन युवक जेल जाने से पहले मचाई हड़कंप
एक अनोखी घटना घटी है जो हर किसी को हैरान कर देती है। शहर के एक लड़का ने, जिसे लंबे समय से {नौकरी{ की तलाश थी, एक धोखा देने वाला बन गया और जेल जाने से पहले उसने हाड़कंप मचाया। उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को काफी {मेहनत करनी पड़ी|जुझना पड़ा।
उसके अनुपयुक्त कदमों से पता चलता है कि युवा पीढ़ी में भी {उदासी{ और {निराशा{ बढ़ रही है। सरकार को इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा और {युवकों{ को नौकरी हासिल करना चाहिए।
नए पड़ोस में हुई भेदभावपूर्ण घटनाओं से उत्पन्न गहरा दबाव
यहाँ एक उभरता हुआ पड़ोस है जहाँ सभी को स्वागत और बराबरता मिलनी चाहिए। हालाँकि, कुछ ही दिनों में रंगभेद की घटनाओं का उदय हुआ है जो समुदाय में हिंसा डाल रहा है। ये घटनाएँ लोगों को डरें भी कर रही हैं और उनका सौहार्दपूर्ण संबंध कमजोर कर रही हैं।
कुछ ही लोग इस शोषण को बढ़ावा दे रहे हैं, जो एक कमजोर मुद्दा है। हमें यह याद रखना चाहिए कि हम सभी एकसाझा समुदाय में हैं और हमें एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए।
यह ज़रूरी है कि हम इस मुद्दे को उचित रूप से संबोधित करें और साथ मिलकर समावेशी समुदाय बनाने के लिए काम करें।
पड़ोसी संगरोध में बढ़ रहा है संघर्ष, उठ रही हैं गंभीर चिंताएँ
यह क्वारंटाइन का समय होता जा रहा है और हमारे आस-पास रहने वालों में हिंसा बढ़ रही है।
पहले तो यह किसी भी तरह का मुद्दा नहीं था , लेकिन अब जैसे-जैसे समय बीत रहा है , लोग घबराने लगे हैं ।
इसके कई कारण हैं . सबसे बड़ा कारण सामाजिक दूरी का अभाव है । लोग एक-दूसरे पर शक करते हैं और एक दूसरे से दूर रहना पसंद कर रहे हैं।
यह समस्या कैसे सुलझाई जाएगी? यह एक मुश्किल सवाल है जिसका जवाब बहुत सरल नहीं है। लेकिन हमें सावधानी बरतनी होगी ताकि यह संघर्ष बढ़कर हमारे आपसी विश्वास को कमजोर न करे .
रंगभेद: प्रियजनों का साथ छोड़ने लगे पड़ोसियों ने
एक समय था जब दोस्ती आपस में इतने जुड़े थे कि एक दूसरे की हर मुश्किल के समय मदद करने में लिया करते थे . परन्तु आजकल रंगभेद ने इस प्रेम को नष्ट कर दिया है. इस समय पड़ोसियों ने अपने ही रिश्तेदारों का साथ छोड़ने लग गए हैं.
- उनको रंग के आधार पर एक दूसरे से अलग-थलग सोचते हैं.
- ये बहुत दुखद है. हमें एक दूसरे का साथ देना चाहिए और रंगभेद से लड़ना चाहिए.
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